Monday, 26 December 2016
चारोळी
*जन्म -मृत्यू दुहेरी चारोळी स्पर्धे करिता*
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जन्म दात्या माता पीत्यांना
आता विसरले पोर कशी
आई बापास सोडून गावी
लेकरं राहती दुर देशी
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किती केले देव धर्म
नाही सुटत येथें कुणी
यम पाशा तुन अटळ
मुत्यु सत्य हेच धरा ध्याणी
....:,,.............सुरजकुमारी
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जन्म मरणाच्या फेरीतुन
कुणी ना सुटला राज्या
असो या रंक मुत्यु
अटळ आहे सार्याला
.................:..........
जन्मा चे उत्सव झाले
जगण्यासाठी धडपडले
आयुष्यात आले आंनद वाटा
मुत्यु अटळ आपले गेले सोडून तेव्हा कळले
......,..................:सुरजकुमारी
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