Monday, 26 December 2016

चारोळी

*जन्म -मृत्यू दुहेरी चारोळी स्पर्धे करिता* ------------------------------------------------------------------- जन्म दात्या माता पीत्यांना आता विसरले पोर कशी आई बापास सोडून गावी लेकरं राहती दुर देशी ----------------------------------------------- किती केले देव धर्म नाही सुटत येथें कुणी यम पाशा तुन अटळ मुत्यु सत्य हेच धरा ध्याणी ....:,,.............सुरजकुमारी ------------------------------------------------- जन्म मरणाच्या फेरीतुन कुणी ना सुटला राज्या असो या रंक मुत्यु अटळ आहे सार्याला .................:.......... जन्मा चे उत्सव झाले जगण्यासाठी धडपडले आयुष्यात आले आंनद वाटा मुत्यु अटळ आपले गेले सोडून तेव्हा कळले ......,..................:सुरजकुमारी Shared with https://goo.gl/9IgP7

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