Sunday, 1 January 2017

मन

मन माझे उडते पाखरू आता ईथे क्षणात कुठे उडते मन पडते मन चलते मन पळते मन पडते मन उटते मन मन मन वेडे मन क्षणभर मन कुठे जाते स्वप्नं कसे पहाते मन खरेच वेडे मन मन माणसाला मीळाले वरदान मन मन ...........सुरजकुमारी गोस्वामी Shared with https://goo.gl/9IgP7

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